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Agency | Jul 28, 2021 | Expert View
कोरोना के कारण ऐसे बदल रहे हैंकाॅमर्शियल रेंटल एग्रीमेंट्स....
मार्च में एक व्यक्ति ने संगीत उपकरण बेचने के लिए मुंबई के एक उपनगर में एक शाॅप किराये पर ली। इसके बाद कुछ समय बाद ही लाॅकडाउन लग गया व वह व्यक्ति इस महीने अपनी शाॅप नहीं खोल सका। हालांकि अबकी बार उसे यह राहत है कि एग्रीमेंट में ‘लाॅकडाउन’ शामिल है जिसमें यह शर्त है कि यदि किसी महीने के अध्कितर हिस्से में लाॅकडाउन के चलते बिजनेस नहीं हो सका तो उस महीने का किराया नहीं देना होगा।
पिछले वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर लाॅकडाउन के बाद कमर्शियल रेंटल एग्रीमेंट में यह महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है कि लंबी अवधि के लाॅकडाउन में किराया माफ करने का प्रावधन जोड़ दिया गया। हाई स्ट्रीट रिटेल और बड़े कमर्शियल प्रिमाइसेज अपनी लीज एग्रीमेंट में इस तरह के प्रावधन जोड़ने लगे हैं। पिछले वर्ष लाॅकडाउन के दौरान कमर्शियल स्पेस के किराये को लेकर काफी नेगोसिएशन हुई थी। इस वर्ष बिजनेस थोड़े स्मार्ट हो गए हैं और एग्रीमेंट में यह प्रावधान जोड़ रहे हैं कि भविष्य में इस तरह की लाॅकडाउन जैसी स्थिति बनने पर किराये में राहत दी जाएगी।
कंसंल्टेंसी एजेंसी जेएलएल के मैनेजिंग डायरेक्टर, मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन करन सिंह सोढी ने कहा कि ऑफिस स्पेस के नए कांट्रेक्ट्स में ऑक्यूपायर्स मांग कर रहे हैं कि सात दिन से ज्यादा दिनों तक लाॅकडाउन होने पर किराया मापफ होना चाहिए और इसी हिसाब से कांट्रेक्ट को भी आगे बढ़ाया जाना चाहिए। जहां तक रिटेल स्पेस की बात है, लाॅकडाउन के दौरान किराया सस्पेंड करने के प्रोविजन एग्रीमेंट में शामिल किए जा रहे हैं और आम तौर पर यह व्यवस्था की जा रही हैं और आम तौर पर यह व्यवस्था की जा रही है कि होम डिलीवरी की यदि मंजूरी हुई तो रेवेन्यू शेयर किया जाएगा।
For Trade Enquires Mr. G.S. Bhasin
लाॅ फर्म डीएसके लीगल के मैनेजिंग पार्टनर आनंद देसाई ने कहा कि इससे पहले लोग समझते थे, महामारी एक बार की बात है, लेकिन अब दूसरी लहर आ गई है और लोग चिंता करने लगे हैं कि इस तरह की और लहर भी आ सकती है। थियेटर चेन्स सहित कई रिटेलर्स माॅल ओनर्स के साथ मिलकर लोग टर्म लीज पर पुनर्विचार कर रहे हैं। हकीकत यह है कि दोनों को ही एक दूसरे की जरूरत है और परिस्थिति को दोनों ही समझ रहे हैं। इसलिए जल्दी ही आसानी से समझौता हो सकता है। सोढी के मुताबिक कुछ लोग यह संभावना भी तलाश रहे हैं कि लाॅकडाउन क्लाॅज को फोर्स मेज्योर (आपदा) कैटेगरी में शामिल किया जाए प्रोपर्टी लाॅयर्स का कहना है कि सरकार द्वारा लगाया गया लाॅकडाउन फोर्स मेज्योर के अंतर्गत कांट्रेक्ट के प्रोविजनों के चलते ही शामिल होगा। इसको देखते हुए एक्सपायर्ड एग्रीमेंट पर रिनिगोशिएशन और संशोधन करते हुए मौजूदा एग्रीमेंट में अतिरिक्त क्लाॅज जोड़े जा रहे हैं।
लाॅ फर्म सूरी एंड कम्पनी के पार्टनर सुमित अग्रवाल कहते है कि कई बड़ी रिटेल चेन्स, खास तौर से फास्ट-फूड चेन्स और क्विक-सर्विस रेस्तरां (क्यूएसआर) माॅल ओनर्स के साथ रिनिगोशिएट कर रहे हैं, लेकिन छोटे रिटेलर्स, स्टैंडएलान स्टोर्स और मुख्य मार्केट के टेनेंट्स के लिए इस तरह की बातचीत की संभावनाएं सीमित है। कई माॅल्स के पास एंकर ब्रांडस हैं, जैसे ब्रांडेड फूड ब्रांडेड फूड चेन्स या क्लोदिंग चेन्स। ऐसे टेनेंट्स प्राइमरी एंकर हैं, जिनकी वजह से फुटफाल्स बढ़ते हैं। उनको बनाए रखने के लिए माॅल्स उनके साथ रिनिगोशिएशन कर रहे हैं। हालांकि स्टैंडएलोन स्टोर्स, छोटे रिटेलर्स और हाई-स्ट्रीट प्रोपर्टीज के ऑक्यूपेंट्स के लिए इस तरह के नेगोएिशन करना मुश्किल है।